जाति उत्पत्ति का भ्रमजाल

  • राजीव पटेल 
भारत में जातियों के नामकरण से संबंधित जितनी भी किताबें लिखी गई हैं, वे अज्ञात काल यानी तथाकथित वैदिक काल की सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं. ये साहित्य आज से 150-200 वर्षों पूर्व पुस्तक के रूप में लिखा गया था. जातिगत लेखक अपनी पुस्तकों की शुरुआत प्रायः इसी साहित्य के आधार पर करते हैं. जातियों का इतिहास लिखने वाले लेखक सृष्टि निर्माण काल, रामायण काल, महाभारत काल से जाति की उत्पत्ति शुरू करते हुए सीधे मुगल काल (मध्य काल) या अंग्रेजी काल (आधुनिक काल) में पहुंच जाते हैं और अपनी जाति का इतिहास लिखना शुरू कर देते हैं. लेखकगण बीच के प्राचीन ज्ञात काल को न जाने क्यों छोड़ देते हैं, जबकि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से ज्ञात काल का समय ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत के ज्ञात काल छठी शताब्दी ईसा पूर्व के बाद के काल से ही भारत की सभ्यता और संस्कृति की प्रमाणिक और पुख्ता जानकारी मिलती है. उल्लेखनीय है कि ज्ञात काल के प्रमाणिक और पुख्ता अवशेष प्राप्त हुए हैं, जबकि अज्ञात काल (रामायण-महाभारत काल) के समय का किसी भी प्रकार का अवशेष या प्रमाण आज तक नहीं प्राप्त हुआ है और ना ही उसकी पुष्टि हुई है. यद्यपि कुछ लोग प्राचीन काल के कुछ अवशेषों को जबरदस्ती रामायण-महाभारत काल से जोड़ते हैं, लेकिन ये उनका अन्धविश्वास और अड़ियलपन मात्र है, और कुछ नहीं.


आप स्वयं भी ज्ञात काल को देख और समझ सकते हैं. पुरातात्विक दृष्टिकोण से ज्ञात काल (ऐतिहासिक काल) को तीन भागों में बांटकर देखा जाता है- प्रथम ज्ञात काल का समय पूर्व हड़प्पा काल (पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता लगभग 3500 ई.पू. ) से लेकर ईसा पूर्व छठी शताब्दी का ज्ञात काल है. पुरातात्विक विभाग के पास इस काल के खुदाई में मिले काफी अवशेष मौजूद हैं, जिनसे मानव सभ्यता के विकसित होने का काफी पुख्ता सबुत मिलता है. परन्तु उस काल के लोग कौन सी जाति व्यवस्था को मानते थे या कौन सी धर्म - संस्कृति को मानते थे या कौन सी लिपि और भाषा को व्यवहारिक रूप से प्रयोग में लाते थे या वे देखने में कैसे थे आदि तथ्य आज तक किसी भी पुरातत्व विज्ञानी अथवा पुरातात्विक विशेषज्ञों को सही-सही पता नहीं चल पाया है. केवल अनुमान के आधार पर विभिन्न इतिहासकार अलग-अलग प्रकार से वर्णन करते हैं.

सवाल उठता है कि फिर जाति की उत्पति का इतिहास लिखने वाले लेखकगण कैसे ज्ञात कर लिए कि उनकी जाति कि उत्पत्ति हजारों वर्ष पूर्व हुई थी ?